होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा । ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय छूटहि बन्दि महा सुख होई ॥३८॥ जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा । अंजनीगर्भ https://www.instagram.com/reel/DFWTy0gvMKk/
Hanuman mantra - An Overview
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